अनंत परमाणु या स्कंध एक प्रदेश में रह सकते हैं। परमाणु तो सूक्ष्म होते ही हैं, स्कंध वो जो सूक्ष्म हों। जैसे पानी से भरी बाल्टी में शक्कर डालते जाओ फिर भी पानी बाहर नहीं आता।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र 5/14)
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने परमाणु एवं स्कंध को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने परमाणु एवं स्कंध को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
Bahut hi sundar example se maharajshri ne point ko clear kar diya ! Namostu Gurudev !