परोपकार / अपकार

परोपकार नाम की कोई चीज़ नहीं होती, हम तो स्व पर उपकार करते हैं,
सामने वाला अपने पुण्य से अपना काम करा लेता है ।
(ऐसे ही अपकार नाम की कोई चीज़ नहीं होती, हम अपने पापोदय से अपना काम ख़राब करा लेते हैं, सामने वाले से/ सामने वाले को निमित्त बना कर)

Share this on...

4 Responses

  1. उक्त कथन सत्य है कि उपकार नाम की कोई चीज नहीं होती है बल्कि स्वयं पर उपकार करते हैं। जब हम उपकार करते हैं तो सामने वाला पुण्य से अपना कार्य करा लेता है। अपने पापोदय से अपना काम खराब करा लेते हैं, सामने वाले से।
    अतः जीवन में जब भी किसी का भला करते हो तो उसका पुण्य का उदय समझना चाहिए ताकि पुण्य की प्राप्ति हो सकती है।

  2. “सामने वाले से” ya “सामने वाले ke nimitt से” ?

    1. तुम्हारे निमित्त से item में “निमित्त से” भी add कर दिया है ।
      आशीर्वाद ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

April 9, 2020

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031