परिणति का नाम पर्याय है। शुद्ध द्रव्य शुद्ध रूप में उत्पात, व्यय, धौव्य रूप परिणमन करते हैं। इसलिये उन पर्यायों को अर्थ पर्याय कहते हैं। अशुद्ध द्रव्यों में अर्थ (एक समयावर्ती/ सूक्ष्म) और व्यंजन (स्थूल) पर्याय होतीं हैं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकाण्ड गाथा- 299)
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4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने पर्याय एवं परिणमन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में परिणमन के लिए शुद्ध भाव पर्याय के लिए होना परम आवश्यक है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने पर्याय एवं परिणमन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में परिणमन के लिए शुद्ध भाव पर्याय के लिए होना परम आवश्यक है।
अशुद्ध द्रव्यों में अर्थ (एक समयावर्ती/ सूक्ष्म) ka kya meaning hai, please ?
अशुद्ध द्रव्यों में अर्थ-पर्याय एक समय यानी सूक्ष्म समय की होगी।
Okay.