पहले दो शुक्लध्यान

पहले दो शुक्लध्यान पूर्ण श्रुतकेवली के (उत्कृष्ट की अपेक्षा, साधारण रूप से 5 समिति तथा 3 गुप्ति धारी के भी) होते हैं ।
ये वितर्क और वीचार से सहित हैं ।

तत्वार्थ सूत्र – 9/41

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