पुण्य / पुरुषार्थ

पुण्य क्षमता देता है,
पुरुषार्थ उस क्षमता को उपलब्धियों में परिवर्तित कर देता है ।

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One Response

  1. जब पुण्य का समय आता है तब पुरुषार्थ करना चाहिए, जिससे पुण्य की वृद्धि होती है।आजकल कुछ लोग पुण्य में पाप करने लगते हैं जिससे पुण्य की क्षति हो जाती है।अतः पुण्य में पुरुषार्थ करना चाहिए जिससे जीवन का कल्याण होगा।

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