पाप छोड़ने के लिये व्रत लिये जाते हैं,
क्या आजतक किसी ने मोक्ष जाते समय महाव्रत छोड़े हैं !
या महाव्रत स्वत: छूट जाते हैं !!
मुनि श्री सुधासागर जी
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यह कथन सत्य है कि पाप छोडने के लिए व़त लिये जाते हैं।व़त का मतलब हिंसा, झूट आदि पापो को छोडना होता है,इसके लिए नियम लेना पड़ता है।महाव़त का तात्पर्य पांच पापो का मन वचन काय से छोड़ना होता है।अतः मोक्ष जाने के लिए महाव़त का पालन करना पड़ता है तब पुण्य स्वत् ही छूट जाते हैं।अतः जीवन में जब पुण्य मिलता है, तब पुण्य को भोगने का प़यास न करते हुए, उसको छोड़ना यानी त्याग करना ही आवश्यक होता है तभी मोक्ष मार्ग के पथ पर चल सकते हैं।
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यह कथन सत्य है कि पाप छोडने के लिए व़त लिये जाते हैं।व़त का मतलब हिंसा, झूट आदि पापो को छोडना होता है,इसके लिए नियम लेना पड़ता है।महाव़त का तात्पर्य पांच पापो का मन वचन काय से छोड़ना होता है।अतः मोक्ष जाने के लिए महाव़त का पालन करना पड़ता है तब पुण्य स्वत् ही छूट जाते हैं।अतः जीवन में जब पुण्य मिलता है, तब पुण्य को भोगने का प़यास न करते हुए, उसको छोड़ना यानी त्याग करना ही आवश्यक होता है तभी मोक्ष मार्ग के पथ पर चल सकते हैं।