पुण्य-लाभ
स्वयं के स्नान करने का उद्देश्य यदि भगवान का अभिषेक हो तो बहुत पुण्य-बंध।
भगवान का अभिषेक करते समय यदि अपने नहाने का ध्यान किया तो पुण्य-क्षय।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
स्वयं के स्नान करने का उद्देश्य यदि भगवान का अभिषेक हो तो बहुत पुण्य-बंध।
भगवान का अभिषेक करते समय यदि अपने नहाने का ध्यान किया तो पुण्य-क्षय।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने पुण्य लाभ का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में जब पुण्य प़ाप्त होता है, उसको व्यर्थ में व्यय नहीं करना चाहिए बल्कि सम्भाल कर रखना परम आवश्यक है।