पुदगल भेद
विज्ञानानुसार पुदगल के 3 भेद → ठोस, तरल, गैस।
जैन दर्शनानुसार 6 भेद हैं →
स्थूल-स्थूल → टूटने पर, दुबारा न जुड़े – जैसे लकड़ी, ठोस
स्थूल → अलग करने पर, दुबारा जुड़ जाय – जैसे पानी,तरल
स्थूल-सूक्ष्म → दिखाई दे, पर पकड़ में न आए – जैसे छाया, गैस
सूक्ष्म–स्थूल → दिखाई न दे, पर इन्द्रिय ग्रहण करें – जैसे शब्द
सूक्ष्म → दिखाई न दे, पर इन्द्रियाँ भी ग्रहण न करें – जैसे कर्म
सूक्ष्म-सूक्ष्म → कर्म वर्गणाओं से सूक्ष्म – जैसे अणु
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
One Response
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने पुदगल भेद का वर्णन किया गया है वह पूर्ण सत्य है।