पुरुषो पुरुषार्थ करो ।
काम और अर्थ जोड़ने के पुरुषार्थ से मोक्ष दूर होता है ।
(धर्म सेतु का कार्य करता है )
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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पुरुषार्थ—चेष्टा या प़यत्न करना होता है। यह चार प्रकार का होते हैं जिसमें धर्म, अर्थ,काम और मोक्ष। धर्म और मोक्ष पुरुषार्थ के द्वारा जीव मोक्ष प्राप्त कर सकता हैं। धर्म रहित पुरुषार्थ मात्र संसार बढ़ाने होते हैं।
अतः यह कथन सत्य है कि काम और अर्थ जोड़ने के पुरुषार्थ से मोक्ष दूर होता है। इसलिए धर्म ही मोक्ष के लिए सेतु का कार्य करता हैं।
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पुरुषार्थ—चेष्टा या प़यत्न करना होता है। यह चार प्रकार का होते हैं जिसमें धर्म, अर्थ,काम और मोक्ष। धर्म और मोक्ष पुरुषार्थ के द्वारा जीव मोक्ष प्राप्त कर सकता हैं। धर्म रहित पुरुषार्थ मात्र संसार बढ़ाने होते हैं।
अतः यह कथन सत्य है कि काम और अर्थ जोड़ने के पुरुषार्थ से मोक्ष दूर होता है। इसलिए धर्म ही मोक्ष के लिए सेतु का कार्य करता हैं।