प्रकृति में दख़लंदाजी

“1985” में एक क्षुल्लक जी आहार के लिये नहीं उठ रहे थे क्योंकि एक चिड़िया अपने बच्चों को कीड़े ला लाकर खिला रही थी ।
आ. श्री – चिड़िया के बच्चे भूखे मर जायेंगे, उसके जिम्मेदार तुम होगे?

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

Share this on...

3 Responses

  1. प़कृति का अर्थ स्वभाव होता है। उसमें दख़लंदाजी देना उचित नहीं है। जो प़कृति में दख़लंदाजी देता है उसकी जिम्मेदारी खुद की होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

December 27, 2018

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930