प्रतिक्रमण
प्रतिक्रमण… जिससे अतिक्रमण मिथ्या हो।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
प्रतिक्रमण… जिससे अतिक्रमण मिथ्या हो।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी का प़तिकमण का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। साधु दिन में तीन बार प़तिकमण करते हैं। दिन में गलत कार्य होने पर प़तिकमण करते हैं। अतः श्रावकों को भी कम से कम शाम के समय प़तिक्रमण करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
‘अतिक्रमण’ ka kya meaning hai, please ?
सीमा का उल्लंघन करना।
Okay.