प्रथमोपशम सम्यग्दर्शन
प्रथमोपशम सम्यग्दर्शन राष्ट्रपति जैसा होता है ।
आता थोड़ी देर को है पर उदघाटन(मोक्षमहल का) कर जाता है ।
मोक्ष की टिकिट तो कट गयी, पर अंतर्मुहूर्त में खो गयी, लेकिन नम्बर रह गया, सो दूसरी बन जायेगी ।
आर्यिका श्री विज्ञानमति माताजी
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प़थमोपशम सम्यग्दर्शन- -मिथ्याद्वष्टि जीव में मिथ्यात्व से छूटकर जो सर्वप़थम उपशम सम्यक्त्व होता था वह प़थमोपशम सम्यक्त्व कहलाता है। प़थमोपशम सम्यग्दर्शन प्राप्त करने वाला जीव पंचेन्दिय,संज्ञी पर्याप्तक और विशुद्ध होना चाहिए। मनारकी,तिर्यंच, मनुष्य और देव ये चारों ही गति के मिथ्याद्वष्टि जीव प़थमोपशम सम्यक्त्व उत्पन्न कर सकते हैं। अतः उक्त कथन सत्य है कि प़थमोपशम सम्यग्दर्शन राष्ट्रपति जैसा होता है अतः थोड़ी देर का है उद्घाटन मोक्षमहल का कर जाता है। लेकिन मोक्ष की टिकट तो कट गई पर अंतर्मूहूर्त में खो गई लेकिन नम्बर रह गया सो दूसरी बन जायेगी।