निश्चय और व्यवहार से केवली भगवान के कितने प्राण होते हैं ?
निश्चय से प्राण नहीं बस चेतना होती है ।
व्यवहार से चार प्राण होते हैं ।
पं श्री रतनलाल बैनाड़ा जी
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3 Responses
निश्चय अटल होता है जबकि व्यवहार के बिना काम नहीं चलता है। जीवन में दोनों की आवश्यकता है।
प्राण जिसके द्वारा जीव जीता है, इनमें द़व्य और भाव प़ाण हैं।
अतः उक्त कथन सत्य है कि निश्चय से प़ाण नहीं बल्कि चेतना होती है, जबकि व्यवहार से चार प़ाण होते हैं।
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निश्चय अटल होता है जबकि व्यवहार के बिना काम नहीं चलता है। जीवन में दोनों की आवश्यकता है।
प्राण जिसके द्वारा जीव जीता है, इनमें द़व्य और भाव प़ाण हैं।
अतः उक्त कथन सत्य है कि निश्चय से प़ाण नहीं बल्कि चेतना होती है, जबकि व्यवहार से चार प़ाण होते हैं।
4 प्राण : मन, वचन, काय और श्वासोच्छवास ?
स्वर्गीए श्री रतनलाल बनाडा जी को मेरा प्रणाम 🙏
भगवान के भाव-मन नहीं होता है इसलिए मन-बल नहीं होता ।
4 प्राण = वचन-बल, काय-बल, आयु और श्वासोच्छवास ।