“कोई जीव भूखा ना रहे”
ऐसी प्रार्थना में Non-Veg की अनुमोदना नहीं हुई ?
Non-Veg वाले भूखे नहीं रहें – इसमें तो अहिंसा की अनुमोदना हुई !
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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प़ार्थना जैन धर्म में भगवान से विशुद्ध भाव से की जाती है जिसमें सबका मंगल हों और कोई जीव भूखा ना रहे।इस प्रार्थना में अहिंसा का भाव रहता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि इसमें मांसाहारी का उल्लेख नहीं है अतः इसमें सिर्फ अहिंसा की ही अनुमोदना होती हैं।
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प़ार्थना जैन धर्म में भगवान से विशुद्ध भाव से की जाती है जिसमें सबका मंगल हों और कोई जीव भूखा ना रहे।इस प्रार्थना में अहिंसा का भाव रहता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि इसमें मांसाहारी का उल्लेख नहीं है अतः इसमें सिर्फ अहिंसा की ही अनुमोदना होती हैं।