बात मनवाना
मारीच – प्रथम तीर्थंकर का नाती, भावी तीर्थंकर, चौथे काल का विशुद्ध वातावरण, चक्रवर्ती का बेटा !
उसको तीर्थंकर नहीं समझा पाये, हमारी/तुम्हारी औकात क्या है जो आजकल के बच्चों को समझा सकें !
मुनि श्री सुधासागर जी
मारीच – प्रथम तीर्थंकर का नाती, भावी तीर्थंकर, चौथे काल का विशुद्ध वातावरण, चक्रवर्ती का बेटा !
उसको तीर्थंकर नहीं समझा पाये, हमारी/तुम्हारी औकात क्या है जो आजकल के बच्चों को समझा सकें !
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
उक्त कथन सत्य है कि हमारी और तुम्हारी औकात क्या है जो बच्चों को समझा सकते हैं, क्योंकि जब मारीच जो प़थम तीर्थंकर का नाती जो भावी तीर्थंकर, चौथे काल का विशुद्ध वातावरण और वह भी च़कवती का बेटा हो उसको समझाने में असमर्थ रहे हों तो हमारी और तुम्हारी औकात नहीं हो सकती है।