भगवान का अस्तित्व

नास्तिक ने कहा जब भगवान एक रूप नहीं है इससे सिद्ध होता है कि भगवान का अस्तित्व होता ही नहीं है।
गुरु… सबके अपने अपने पिता होते हैं। उनका रूप अलग-अलग होता है फिर भी वे सब पिता हैं। ऐसे ही परमपिता सबके अलग-अलग होते हैं पर उनके गुण एक समान होते हैं, संपूर्ण गुण वाले।

आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी- (प्रवचन – 11 फ़रवरी)

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One Response

  1. आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने भगवान् का आस्तिव को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए भगवान् का आस्तिव मानना परम आवश्यक है।

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