ज्यादातर चीजें समीप जाने पर बगैर मांगे मिल जाती हैं…
जैसे *बर्फ* के पास *शीतलता* ,
*अग्नि* के पास *गरमाहट*
और
*गुलाब* के पास *सुगंध* ,
तो भगवान् से मांगने के बजाये, निकटता बनाओ;
तब सब कुछ अपने आप मिलना शुरू हो जायेगा ।
🌷🌹आपका दिन मंगलमय हो
(सुरेश)
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2 Responses
यह कथन सत्य है कि भगवान् से मांगना नहीं चाहिए बल्कि जब बिना मांगे मिल जाती हैं जैसे बर्फ के पास शीतलता और अग्नि के पास गरमाहट और गुलाब के पास सुगंध मिल जाती हैं। अतः भगवान् से मांगने की जगह,निकटता बनाने का प्रयास करना चाहिए तब सब कुछ अपने आप मिलना शुरू हो सकता हैं। भगवान् से प्रार्थना मोक्ष मार्ग पर चलने से लिए ही करना चाहिए। भगवान् न तो कुछ लेते हैं न ही कुछ देते हैं लेकिन भगवान् की शरण में जाने से मोक्ष मार्ग प़सस्त हो सकता हैं।
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यह कथन सत्य है कि भगवान् से मांगना नहीं चाहिए बल्कि जब बिना मांगे मिल जाती हैं जैसे बर्फ के पास शीतलता और अग्नि के पास गरमाहट और गुलाब के पास सुगंध मिल जाती हैं। अतः भगवान् से मांगने की जगह,निकटता बनाने का प्रयास करना चाहिए तब सब कुछ अपने आप मिलना शुरू हो सकता हैं। भगवान् से प्रार्थना मोक्ष मार्ग पर चलने से लिए ही करना चाहिए। भगवान् न तो कुछ लेते हैं न ही कुछ देते हैं लेकिन भगवान् की शरण में जाने से मोक्ष मार्ग प़सस्त हो सकता हैं।
Further, it would be ideal to come close to God, without expecting anything in return.