जिसके संसार में आने/जाने/घर और संसार से निकलने,
सब में उत्सव ही उत्सव (कल्याणक) होते हों ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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2 Responses
यह कथन सत्य है कि भगवान् जिनको तीर्थंकर भी कहते हैं उनके पांच कल्याणक होते हैं, इनके पांच प़सिद्व अवसर आते हैं जो जगत के लिए कल्याणक होते हैं।इनके पांच कल्याणक होते हैं, गर्भ, जन्म, दीक्षा, ज्ञान और मोक्ष कल्याण होते हैं।अतः जिनके संसार में आने, जाने, घर और संसार से निकलने, सब में उत्सव ही उत्सव यानी कल्याणक होते हैं वही भगवान् की श्रेणी में आते हैं।
Beautiful words by Acharya shree to explain the beauty of all events in life of “Tirthankaras”. Since, they are not attached to celebrations, every event of their life itself, becomes a celebration.
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यह कथन सत्य है कि भगवान् जिनको तीर्थंकर भी कहते हैं उनके पांच कल्याणक होते हैं, इनके पांच प़सिद्व अवसर आते हैं जो जगत के लिए कल्याणक होते हैं।इनके पांच कल्याणक होते हैं, गर्भ, जन्म, दीक्षा, ज्ञान और मोक्ष कल्याण होते हैं।अतः जिनके संसार में आने, जाने, घर और संसार से निकलने, सब में उत्सव ही उत्सव यानी कल्याणक होते हैं वही भगवान् की श्रेणी में आते हैं।
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