भगवान
कुछ मतानुसार भगवान पापियों का नाश करने आते हैं,
अन्य मतानुसार पुण्यात्माओं के उद्धार के लिये,
पर वीतराग धर्मानुसार अपने अंदर बैठे कर्मरूपी आतंकी का नाश करके भगवान बनते हैं ।
उनको देखकर पापी तथा पुण्यात्मा अपने कर्मों को स्वयं क्षय करने की विधि सीख सकते हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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भगवान्- – चार घातिया कर्मों को नष्ट करने पर केवलज्ञान होता है वही भगवान् कहते हैं।
उनको देखकर पापी तथा पुण्यात्मा अपने कर्मों को स्वंय क्षय करने की विधि सीख सकते हैं।
जैन धर्म के अनुसार भगवान को देखकर अपने कर्मों को क्षय करने के लिए होते हैं।