ग्रंथ

छह ढ़ालादि की शुरुवात नरक के वर्णनों से क्यों ?
नीचे से ऊपर प्रगति का प्रतीक होता है।
(कहा है…भीति से प्रीति, यहाँ धर्म से)
2) सिद्धांत ग्रंथों के विषय तथा अध्याय/ ग्रंथों के अंत में सिद्धों का वर्णन होता है।

निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी

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4 Responses

  1. मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने ग़ंथ की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है।

    1. एक शब्द आता है …धर्म-भीरू।
      जो धर्म से डरते हैं, वे ही धर्म से प्रीति करते हैं।

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