भाग्य / पुरुषार्थ

तेंदुलकर बनने में पुरुषार्थ की मुख्य भूमिका थी,
पर उनका ज़ीरो पर आऊट होना, भाग्य था ।

चिंतन

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4 Responses

  1. भाग्य, सभी जीवो का कर्म सिध्दान्त पर आधारित होता है लेकिन पुरुषार्थ का मतलब चेष्टा या प़यास करना होता है।अतः यह सिद्व होता है कि तेंदुलकर बनने में पुरुषार्थ की मुख्य भूमिका है लेकिन जीरो पर आऊट होने में भाग्य की भूमिका रही है।भाग्य को बदलने में पुरुषार्थ की ही भूमिका रहती है।

    1. तेंदुलकर बनने के लिए कितनी मेहनत/पुरुषार्थ किया होगा!
      उसके results भी दिखे ।
      फिर भी कभी-कभी ज़ीरो पर आऊट हुआ,
      क्योंकि उस समय भाग्य साथ नहीं दे रहा था ।

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