भाग्य / पुरुषार्थ
भाग्य, कर्म-भूमि की दुनिया में खाका देता है,
उसमें रंग पुरुषार्थ से भरा जाता है (अच्छा/ बुरा, पूरा/ अधूरा)।
स्वामी विवेकानंद जी
(प्रियजनों का मिलना भाग्य से यानि खाका मिलना।
उनसे अच्छे/ बुरे सम्बन्ध बनाना/ बनाये रखना, पुरुषार्थ से….जया)
One Response
पुरुषार्थ का मतलब चेष्टा या प़यास करना होता है।
उपरोक्त कथन सत्य है कि भाग्य,कर्म भूमि की दुनिया में खाका देता है, उसमें रंग पुरुषार्थ से भरा जाता है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए भाग्य भरोसे नहीं रहना चाहिए बल्कि पुरुषार्थ करना परम आवश्यक है।