“भा” से ज्ञान जैसे सूर्य प्रकाश/ज्ञान का प्रतीक सो भास्कर।
“रत” रमण करना/आनंद लेना।
भारतीय – जो ज्ञान/ आध्यात्म में रमण/ आनंद लेते हैं।
राधाकृष्ण पिल्लई
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उपरोक्त कथन सत्य है कि भारत में भा से ज्ञान जैसे सूर्य प्रकाश यानी ज्ञान का प़तीक सो भास्कर,रत यानी रमण करना एवं आनन्द लेना। अतः भारतीय जो ज्ञान एवं अध्यात्मिक में रमण एवं आनन्द लेते हैं। अतः इन्डिया की जगह भारत बोलना चाहिए ताकि भारततियता का आभास होगा।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि भारत में भा से ज्ञान जैसे सूर्य प्रकाश यानी ज्ञान का प़तीक सो भास्कर,रत यानी रमण करना एवं आनन्द लेना। अतः भारतीय जो ज्ञान एवं अध्यात्मिक में रमण एवं आनन्द लेते हैं। अतः इन्डिया की जगह भारत बोलना चाहिए ताकि भारततियता का आभास होगा।