भीख
मंदिर के बाहर भीख मांगते एक भिखारी से एक सेठ बोला –
यहां खड़े होकर भीख मांगने में शर्म नहीं आती !!
भिखारी – साब ! आती तो थी !
पर मैंने इसके लिए एक प्रयोग किया –
एक दिन मैं मस्जिद के बाहर खड़ा हुआ,
एक दिन मैं चर्च के बाहर गया,
एक दिन गुरूद्वारे के बाहर भीख मांगी,
जब मैंने हर जगह देखा, आप सब भी अंदर जा कर यही करते हैं, तो अब हिम्मत आ गई है ।