भेद-विज्ञान

आचार्य श्री अमृतचंद स्वामी ने कहा है → भेद-विज्ञान मोक्ष/ कल्याण का कारण है और इसका अभाव संसार/ अकल्याण का कारण है।
एक महिला ने सुंदर से लोटे से सहेली के हाथ धुलाये।
सहेली → अरे ! ये तो मेरा है, देखो नाम भी लिखा है।

भेद-विज्ञान वस्तु के असली स्वरूप को प्रकाशित कर देता है। बीमारी का पता लगने पर ठीक होना शुरू हो जाता है।

ब्र. डॉ. नीलेश भैया

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