मद
आजकल हर व्यक्ति में डेढ़ अक्ल है।
एक खुद की, आधी पूरी दुनिया की अक्ल का जोड़।
ब्र. भूरामल जी
(आचार्य श्री विद्यासागर जी के गुरु आचार्य श्री ज्ञानसागर जी का पूर्व नाम)
आजकल हर व्यक्ति में डेढ़ अक्ल है।
एक खुद की, आधी पूरी दुनिया की अक्ल का जोड़।
ब्र. भूरामल जी
(आचार्य श्री विद्यासागर जी के गुरु आचार्य श्री ज्ञानसागर जी का पूर्व नाम)
5 Responses
आचार्य श्री ज्ञानसागर महाराज जी ने मद का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए मद का त्याग करना परम आवश्यक है।
Very true.Namostu Acharya shri !
Can relevance of the title to the post be explained, please ?
पूरी दुनिया की सब अक्लों को अपनी अक्ल से आधा मानता है तो मद हुआ न ?
Okay.