मन
धरती फाटै मेघ मिलै,
कपडा फाटै डौर,
तन फाटै को औषधि,
मन फाटै नहिं ठौर ।
(सुरेश)
धरती फाटै मेघ मिलै,
कपडा फाटै डौर,
तन फाटै को औषधि,
मन फाटै नहिं ठौर ।
(सुरेश)
M | T | W | T | F | S | S |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 |
29 | 30 | 31 |
One Response
यह कथन सत्य है कि मन का इलाज करना बहुत कठिन है।धरती फटने पर मेघ मिल जाते हैं, कपडा फट जाता है तो उसका सुधार हो जाता है, यदि तन यानी शरीर में कुछ बीमारी हो जाती है तो उसकी औषधि मिल जाती है ,लेकिन मन खराब हो तो उसका इलाज आसान नहीं है।अतः मन को नियंत्रण करने के लिए ध्यान, सकारात्मक सोच होना आवश्यक है।