मरण / उद्यापन

इन अवसरों पर भेंट/भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिये, उनके परिवार/व्रती को देना चाहिए ।

मुनि श्री सुधासागर जी

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4 Responses

  1. महाराज का यह कथन, बिलकुल सत्य है।मरण के बाद भोजन एवं गिफ्ट का चलन, बंद होना चाहिए।जिस घर-परिवार में विपत्ति आई, उस घर भोजन ही नहीं, बल्कि पानी भी नहीं लेना चाहिए; उस परिवार को धर्म से जोड़ने का, प्रयास करना चाहिए ।उघापन के समय, उनके घर भोजन नहीं करना चाहिए, बल्कि जो व्रती हैं, उनको अपने घर पर बुलाकर, भोजन कराना चाहिए ।यदि यह संभव न हो तो, व्रती-परिवार को मंदिर में, कोई उपकरण देना चाहिए ।

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