मरण के बाद
मरण के बाद शव के न तो पैर छूने चाहिए, ना ही परिक्रमा देनी चाहिए और सुहागन का श्रृंगार भी नहीं करना चाहिए।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
मरण के बाद शव के न तो पैर छूने चाहिए, ना ही परिक्रमा देनी चाहिए और सुहागन का श्रृंगार भी नहीं करना चाहिए।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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6 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने मरण के बाद का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
Iska kya reason hai ?
Dead Body तो मिट्टी/ पुदगल है। उसके पैर आदि छूना मिथ्यात्व हुआ न !
सुहागन का श्रृंगार kyun नहीं करना चाहिए ?
पुदगल/ मिट्टी को माँ मानकर उसका श्रृंगार करेगी ?
तू मिथ्यात्वी न हो जाएगी ?
Okay.