मानसिक बल

आर्यिका श्री ज्ञानमति माताजी ने अपनी पुस्तक की टीका लिखने के लिये एक पंडित जी से कहा। उन्होंने असमर्थता का कारण बताया… पहले मैं युवा था, टीका लिखने के लिये आधा किलो घी पीता था, अब उम्र बड़ी हो जाने के कारण इतना घी पचा नहीं सकता।

(विमल चौधरी)

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4 Responses

  1. मानसिक बल का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए मानसिक बल अर्जित करने का प़यास करना परम आवश्यक है।

    1. शारीरिक बल की तरह मानसिक बल के लिए भी अच्छे inputs चाहिए।

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