मान
जल से ही पैदा हिमखंड (तरल से कठोर), मान के कारण जल के ऊपर/सिर पर ही रहता है, बड़े बड़े जहाजों के विध्वंस में कारण बन जाता है।
पूंछ (हमारी पूंछ हो/सब पूंछें) वाली मूंछ तो महिलाओं में भी पायी जाती है।
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
जल से ही पैदा हिमखंड (तरल से कठोर), मान के कारण जल के ऊपर/सिर पर ही रहता है, बड़े बड़े जहाजों के विध्वंस में कारण बन जाता है।
पूंछ (हमारी पूंछ हो/सब पूंछें) वाली मूंछ तो महिलाओं में भी पायी जाती है।
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
One Response
मान तो प़तेक प़णी चाहता है, लेकिन अपमान सहन नहीं करता है। अतः मान न मिले तो अपमान नहीं करना चाहिए। अतः मुनि महाराज श्री वीरसागर ने जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।