जैन-दर्शन में मूर्ति-पूजा नहीं, मूर्तिमान की पूजा है। इसीलिये कबीरदास जी ने जैन-दर्शन की मूर्ति-पूजा पर टिप्पणी नहीं की।
निधत्ति/निकाचित कर्म समाप्त हो जाते हैं जिन-दर्शन से, बशर्ते दर्शन में भगवान दिख जायें।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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3 Responses
Any darshan me kya ‘मूर्तिमान’ की पूजा nahi hai ? Ise clarify karenge, please ?
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Any darshan me kya ‘मूर्तिमान’ की पूजा nahi hai ? Ise clarify karenge, please ?
नहीं,
प्राय: मूर्ति की पूजा होती है।
Okay.