मृत्यु
मृत्यु से डर लगता है कि उस पार ना जाने कैसा/क्या होगा ?
तभी दरवाजा खुला और पालतु कुत्ता खुश होकर मालिक को चाटने लगा ।
कुत्ते को बस इतना मालूम था कि उस पार उसका मालिक है,
और क्या/कैसा है ! उसकी उसे कोई जिज्ञासा/डर नहीं ।
पारुल – दिल्ली
मृत्यु से डर लगता है कि उस पार ना जाने कैसा/क्या होगा ?
तभी दरवाजा खुला और पालतु कुत्ता खुश होकर मालिक को चाटने लगा ।
कुत्ते को बस इतना मालूम था कि उस पार उसका मालिक है,
और क्या/कैसा है ! उसकी उसे कोई जिज्ञासा/डर नहीं ।
पारुल – दिल्ली
One Response
उक्त कथन सत्य है कि जीवन में मृत्यु से ड़र लगता है कि जाने कैसा क्या होगा लेकिन पालतू कुत्ता अपने मालिक को ही सब कुछ समझता है, अतः उसको यही समझता है कि उस पार उसका मालिक वहीं है क्योंकि उसको न कोई जिज्ञासा न ही ड़र रहता है।