मोक्ष, समस्त कर्मों से रहित आत्मा की परम विशुद्ध अवस्था का नाम है। अतः मोक्ष मार्ग सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र की एकता, को ही कहते हैं। मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए, अपने आत्म-स्वरूप की पहचान आवश्यक है; तब ही इस मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं ।
2 Responses
मोक्ष, समस्त कर्मों से रहित आत्मा की परम विशुद्ध अवस्था का नाम है। अतः मोक्ष मार्ग सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र की एकता, को ही कहते हैं। मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए, अपने आत्म-स्वरूप की पहचान आवश्यक है; तब ही इस मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं ।
Wonderful shortest explanation for “Mokshmarg”. Namostu Guruvar.