देवदर्शन/ पूजादि, सत्संग, गुरु वचन, ज्ञान के साथ धर्म करने से मोहादि पर नियंत्रण करना संभव है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (ति.भा.- गाथा 43)
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने मोहादि पर नियंत्रण का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए मोह का त्याग करना परम आवश्यक है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने मोहादि पर नियंत्रण का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए मोह का त्याग करना परम आवश्यक है।