कई क्रियायें एक साथ दिखतीं हैं जैसे पूजा करते समय, पर योग एक समय पर एक ही होगा। क्रिया लम्बे समय तक की होती है, योग अल्प समय में बदलता रहता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकाण्ड- गाथा 242)
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने योग एवं क़िया का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
‘पूजा’ करते समय, कई क्रियायें एक साथ kaise दिखतीं हैं ?
मन,वचन,काय की क्रियायें।
Okay.
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4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने योग एवं क़िया का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
‘पूजा’ करते समय, कई क्रियायें एक साथ kaise दिखतीं हैं ?
मन,वचन,काय की क्रियायें।
Okay.