रक्षण / पालन

व्रती अपने व्रतों का रक्षण व पालन वैसे ही करते हैं जैसे माता-पिता अपने बच्चों का पालन (आगे बढ़ाने) तथा रक्षण (सही भोजन,पढ़ाई आदि)।
बच्चे रक्षण तो पसंद करते हैं पर पालन नहीं। व्रती भी प्राय: पालन में उत्साह कम रखते हैं।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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4 Responses

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने रक्षण एवं पालन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में पालन तो अधिकतर करते हैं लेकिन जीवन के कल्याण के लिए रक्षण करना भी आवश्यक है।

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