रिश्तों को बनाना/निभाना सीमेंट से सीखें –
पहले नरम, बाद में सख्त ।
शुरु-शुरु में पानी से नम करते रहना होता है ।
यश-बड़वानी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि रिश्तों को बनाना या निभाना सीमेंट की तरह होना चाहिए, क्योंकि यह पहिले नरम और बाद में सख्त होता है। इसमें शुरू शुरू में पानी से नम करना रहना होता है। अतः जीवन में रिश्तों का कायम रखने के लिए धीरे धीरे प़ेम का पानी का उपयोग करना आवश्यक है ताकि रिश्तों में आत्मीयता रह सकती है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि रिश्तों को बनाना या निभाना सीमेंट की तरह होना चाहिए, क्योंकि यह पहिले नरम और बाद में सख्त होता है। इसमें शुरू शुरू में पानी से नम करना रहना होता है। अतः जीवन में रिश्तों का कायम रखने के लिए धीरे धीरे प़ेम का पानी का उपयोग करना आवश्यक है ताकि रिश्तों में आत्मीयता रह सकती है।