लब्धियाँ

श्री सम्यक्त्वसार शतक (आचार्य श्री विद्यासागर जी के गुरु आचार्य श्री ज्ञानसागर जी रचित) में उदाहरण दिया है…
मोक्ष जाने वाली ट्रेन में →
1.पटरी… काललब्धि
2.इंजन के पहिये… क्षयोपशम लब्धि
3.इंजन में आगे बढ़ने की क्षमता, बाधाएं हटाने का
Cow-Catcher… विशुद्ध-लब्धि
4. सीटी या ट्रेन चलने वाली है… देशना-लब्धि
5. इंजन को भाप के लिये गरम करना… प्रायोग्य-लब्धि
6. ट्रेन Started, कम से कम 3 स्टेशनों (अधः, अपूर्व, अनिवृत्ति-करण) तक तो जायेगी…करण-लब्धि।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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