लब्धि-अपर्याप्तक सिर्फ आर्यखंड में होते हैं, मलेच्छखंड, भोग भूमि, कुभोग भूमि, स्वर्ग तथा नरक में नहीं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि लब्धि अपर्याप्तक सिर्फ आर्यखंड में होते हैं, यानी अन्य क्षेत्र में नहीं होते! अतः मनुष्य जीवन में अपने कल्याण के लिए लब्धियों का अध्ययन करना अनिवार्य है!
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मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि लब्धि अपर्याप्तक सिर्फ आर्यखंड में होते हैं, यानी अन्य क्षेत्र में नहीं होते! अतः मनुष्य जीवन में अपने कल्याण के लिए लब्धियों का अध्ययन करना अनिवार्य है!