वर्ण-व्यवस्था
आदिनाथ भगवान के समय वर्ण-व्यवस्था कर्मानुसार थी ।
तीनों वर्णों का आचरण Same रहता था ।
मुनि श्री सुधासागर जी
नीच गोत्र भी उसी भव से मोक्ष जाते थे ।
पं रतनलाल बैनाड़ा जी
आदिनाथ भगवान के समय वर्ण-व्यवस्था कर्मानुसार थी ।
तीनों वर्णों का आचरण Same रहता था ।
मुनि श्री सुधासागर जी
नीच गोत्र भी उसी भव से मोक्ष जाते थे ।
पं रतनलाल बैनाड़ा जी
One Response
यह कथन सत्य है कि आदिनाथ भगवान् के समय ही वर्ण व्यवस्था कर्मनुसार की गई थी जिसमे क्षत्रिय, शूद्र और वैश्य को वर्ण दिया गया था।तीनो वर्णो का आचरण same रहता था।यह कथन भी सत्य है कि नीच गोत्र भी उसी भव से मोक्ष जाते थे।गोत्र-कर्म भी कर्म के उदय से उच्च और नीच कहा जाता है।