विकास
बाह्य विकास करने की मनाही नहीं है, पर उसे Ultimate मत मानो ।
आंतरिक विकास बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी है ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
बाह्य विकास करने की मनाही नहीं है, पर उसे Ultimate मत मानो ।
आंतरिक विकास बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी है ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि विकास तो जीवन में होता रहता है । ब़ाह्य विकास करने की मनाही नहीं है लेकिन उसको अंतिम नहीं मानें । लेकिन आंतरिक विकास बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी होता है। अतः जीवन में आंतरिक विकास होना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।