विधान मंदिर में ही करना चाहिये, घर में पाठ कर सकते हैं क्योंकि विधान भगवान की साक्षी में ही होता है ।
विनायक यंत्र रखकर भी नहीं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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विधान पूजा आदि का विस्तृत रुप होता है। अतः मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि विधान मन्दिर में ही करना उचित होगा कि क्योंकि भगवान् के साक्षी में ही करना परम आवश्यक है जबकि घर में पाठ या विनय आदि कर सकते हैं। घर में विनायक यंत्र भी नहीं रख सकते हैं। पवित्रता का भाव घर पर नहीं रहता है,यह सब मन्दिर में ही रहता है
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विधान पूजा आदि का विस्तृत रुप होता है। अतः मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि विधान मन्दिर में ही करना उचित होगा कि क्योंकि भगवान् के साक्षी में ही करना परम आवश्यक है जबकि घर में पाठ या विनय आदि कर सकते हैं। घर में विनायक यंत्र भी नहीं रख सकते हैं। पवित्रता का भाव घर पर नहीं रहता है,यह सब मन्दिर में ही रहता है