क्षायिक स.द्रष्टि और आत्महत्या

क्षायिक सम्यग्दृष्टि आत्महत्या नहीं करते।
पर मरण के अंतर्मुहूर्त पहले कर्म-विपाक से बुद्धि फिर जाती है → श्रेणिक का बेटा उसे बचाने आया, पर श्रेणिक ने समझा पीड़ा देने आया है सो आत्म-हत्या करली।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

Share this on...

4 Responses

  1. आचार्य श्री विघासागर महाराज जी का क्षायिक सम्यगषद्वष्टि और आत्म हत्या का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

April 11, 2023

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031