संवर सहित –
1. सविपाक निर्जरा
2. अविपाक निर्जरा
बिना फल दिये झड़ना, नपुंसक की तरह बिना संतति (कर्मों की)
ज्ञानशाला
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4 Responses
यह कथन सत्य है कि वीतरागी की निर्जरा संवर सहित यानी 1 सविपाक निर्जरा और 2अविपाक निर्जरा करने पर जो बिना फल दिए झरना होना चाहिए।
जिस प़कार आम आदि फल पककर वृक्ष से पृथक हो जाता है वही निर्जरा कहते हैं यह भी दो प्रकार की है सविपाक और अविपाक निर्जरा अतः दोनों प़कार की निर्जरा होती है ।
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यह कथन सत्य है कि वीतरागी की निर्जरा संवर सहित यानी 1 सविपाक निर्जरा और 2अविपाक निर्जरा करने पर जो बिना फल दिए झरना होना चाहिए।
जिस प़कार आम आदि फल पककर वृक्ष से पृथक हो जाता है वही निर्जरा कहते हैं यह भी दो प्रकार की है सविपाक और अविपाक निर्जरा अतः दोनों प़कार की निर्जरा होती है ।
Can it’s meaning be explained please?
वीतरागी की निर्जरा संवर सहित होती है, चाहे वह सविपाक हो या अविपाक, कर्म फल देकर और और कर्म नहीं बंधते हैं।
Okay.