वृद्ध/युवाओं का धर्म
आ.श्री विद्यासागर जी बहुत बार निवेदन करने पर भी सागर नहीं आ रहे थे ।
सुधासागर जी महाराज ब्रह्मचारी अवस्था में अन्य ब्रम्हचारियों के साथ आचार्यश्री को सागर आने के लिये निवेदन करने गये ।
आचार्यश्री – यहाँ सफेद बाल वाले आते हैं और चले जाते हैं पर काले बाल वाले आते तो हैं फिर जाते नहीं ।
उस समूह के अधिकांश ब्रम्हचारी, मुनि(श्री क्षमासागर जी आदि) बन गये हैं ।
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी कहना सत्य है कि जो सफेद बाल वाले यानी वृद्ध, जब महाराज जी के पास जाते हैं वह लोग धर्म का पालन नहीं कर पाते हैं, जबकि युवा लोग जब महाराज की शरण में जाते हैं वही लोग धर्म करने में समर्थ होते हैं और वही दीक्षा ले सकते हैं जैसे मुनि श्री क्षमासागर का उदाहरण दिया गया है, वह पूर्ण सत्य है।