वेदना की अनदेखी
कड़क सर्दी में आचार्य श्री विद्यासागर जी सहजता से सारी क्रियायें करते हैं ।
पूछने पर श्री धवला जी की गाथा सुनाते हैं – “वेदना परिणाम: प्रतिक्रिया” यानि वेदना पर ध्यान देने से वेदना बढ़ती है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
कड़क सर्दी में आचार्य श्री विद्यासागर जी सहजता से सारी क्रियायें करते हैं ।
पूछने पर श्री धवला जी की गाथा सुनाते हैं – “वेदना परिणाम: प्रतिक्रिया” यानि वेदना पर ध्यान देने से वेदना बढ़ती है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
वेदना का मतलब आर्तध्यान अनुभव करने का नाम है,यानी दुख होना। अतः आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी कथन सत्य है कि वेदना परिणाम प़तिक़िया यानी वेदना पर ध्यान देने से बढती है। मुनियों को वेदना नहीं होती है, क्योंकि वह वेदना का अनुभव की प्रतिक्रिया नहीं करते हैं। अतः जो जीव वेदना को सहते हैं,वह अपने कर्मों की निर्जरा करने में समर्थ हो सकते हैं।