वैक़ियिक का मतलब शरीर छोटा बड़ा,हल्का,भारी और अनेक प्रकार का शरीर बना लेना विक़ियिक कहलाता है, जिस शरीर का प्रयोजन है वह वैक़ियिक शरीर कहलाते हैं। वैक़ियिक शरीर उपपाद जन्म से पैदा होता है । परम सुख अतीन्द्रिय सुख कहलाता है। इसका उदय द़व्य,क्षेत्र,काल और भाव के अनुसार कर्मों फल का प्राप्त होना होता है। इसमें संस्थान का मतलब आकृति बनती है। अतः उक्त कथन सत्य है कि परम सुख का उदय संस्थान के रूप में ही आवेगा।
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वैक़ियिक का मतलब शरीर छोटा बड़ा,हल्का,भारी और अनेक प्रकार का शरीर बना लेना विक़ियिक कहलाता है, जिस शरीर का प्रयोजन है वह वैक़ियिक शरीर कहलाते हैं। वैक़ियिक शरीर उपपाद जन्म से पैदा होता है । परम सुख अतीन्द्रिय सुख कहलाता है। इसका उदय द़व्य,क्षेत्र,काल और भाव के अनुसार कर्मों फल का प्राप्त होना होता है। इसमें संस्थान का मतलब आकृति बनती है। अतः उक्त कथन सत्य है कि परम सुख का उदय संस्थान के रूप में ही आवेगा।