व्यक्ति की आचरण और चारित्र के आधार पर व्याखा की जाती है।अतः जो साधना की भूमिका में रहते हैं उन्हें विरक्त कहते हैं, जो आराधना में रहते हैं वह अनुरक्ति होती है, जो शब्द होते हैं वह अभिव्यक्ति होती है लेकिन जो मौन रहते हैं बस वही व्यक्ति है। Reply
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व्यक्ति की आचरण और चारित्र के आधार पर व्याखा की जाती है।अतः जो साधना की भूमिका में रहते हैं उन्हें विरक्त कहते हैं, जो आराधना में रहते हैं वह अनुरक्ति होती है, जो शब्द होते हैं वह अभिव्यक्ति होती है लेकिन जो मौन रहते हैं बस वही व्यक्ति है।