व्यक्तित्व को शून्य रखें, ताकि कोई उसमें से कुछ भी घटा न सके।
परन्तु जिसके साथ खड़े हो जाय, उसकी कीमत दस गुणा बढ़ जाय।
(सुरेश)
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उपरोक्त कथन सत्य है कि व्यक्तित्व को शुन्य रखें ताकि उसमें से कुछ भी घटा न सकें! परंतु जिसके साथ खड़े हो जाओ, उस की कीमत दस गुना बढ जावे! अतः सबकुछ का कल्याण करना हो तो अपना व्यक्तित्व इतना होना चाहिए ताकि दूसरे लोग आपकी तारीफ कर सकें!
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उपरोक्त कथन सत्य है कि व्यक्तित्व को शुन्य रखें ताकि उसमें से कुछ भी घटा न सकें! परंतु जिसके साथ खड़े हो जाओ, उस की कीमत दस गुना बढ जावे! अतः सबकुछ का कल्याण करना हो तो अपना व्यक्तित्व इतना होना चाहिए ताकि दूसरे लोग आपकी तारीफ कर सकें!
व्यक्ति का व्यक्तित्व तो,
गुण अवगुण की खान।
अवगुण आप हटाइए,
चमको सूर्य समान।।